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Written By
Varun Singh Gautam
मैं टूटा पलकें भी बिखरी नयन के अश्रु भी रुकी नहीं ..... सोचा मैं चलूं नयनों में नयन मिलाने प्रेयसी / प्रियतमा से पर वो नहीं तो हम कहीं प्रेम के एक बूँद ही है, सौन्दर्य के बगिया भी उपवन भी है महफिल भी पर वो चली किस और सजाने
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May 9, 2022
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